महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच जारी खींचतान के बीच भाजपा के लिए राहतभरी खबर है। आज शिवसेना ने कहा कि उसने बातचीत कभी नहीं रोकी और वह गठबंधन धर्म का पालन करेगी। ंशिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, सेना ने गठबंधन में रहते हुए विधानसभा चुनाव लड़ा था और हम आखिरी वक्त तक गठबंधन धर्म का पालन करेंगे। उन्होंने कांग्रेस नेता हुसैन दलवई के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने के कदम का भी स्वागत किया है। इस पत्र में दलवई ने कांग्रेस आलाकमान से महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार के गठन को समर्थन देने की गुजारिश की है।
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दलवई ने अपने पत्र को उद्धृत करते हुए संवाददाताओं को बताया, शिवसेना और भाजपा अलग हैं। शिवसेना ने राष्ट्रपति पद के लिये प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। शिवसेना की राजनीति भाजपा की अतिवादी रुख के विपरीत सर्व समावेशी बन गई है। भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिये हमें अवश्य ही शिवसेना का समर्थन करना चाहिए।
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इससे पहले शरद पवार से मुलाकात को लेकर राउत ने कहा, ''महाराष्ट्र में जो स्थितियां बन रही हैं। सभी दल एक-दूसरे से बात कर रहे हैं। सिवाय शिवसेना और भाजपा के।'' हालांकि, यह भी कहा कि शिवसेना ने गठबंधन में चुनाव लड़ा है और हम राजधर्म का धर्म निभाते हुए अंतिम सांस तक गठबंधन धर्म का पालन करेंगे।
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